...

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मेरी नन्ही परी
माँ क़े सामने खुब लाड़ लगाती थीं वो
कभी रोती तो कभी खिलखिलाती थीं वो
कभी पापा की परी तो कभी पापा की शेरनी कहलाती थीं वो
अगर कभी रूठ जाऊं तो मानाने आती थीं वो
कभी मुझसे सीखती तो कभी मुझे सिखाती थीं वो
मुझे गुमसुम देख, हँसाने आती थीं वो
बदमाशी मे सब की नानी थीं वो
नानी की कहानियों की सानी थीं वो
शांति भी जिससे दूर भागे , ऐसी थीं वो
आजकल बहुत समझदार बनती है वो
या शायद समझदार हो गई है वो
लगता है अब मेरी नन्ही परी बड़ी हो गई है

शायद !!!

©Ankita08
#liferules






© Ankita08