...

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सांझ ढली है तुम रात बिता लेना
#सांझ
सांझ को फ़िर निमंत्रण मिला है
दोपहर कल के लिए निकला है
अब उठो तुम है इंतजार किसका
जब आज वक्त बेवक्त निकला है

पराक्रम की डोरीया आज तोड़ दो
जितना है उस राह खुद को मोड़ दो
हार हार कर जीत भी होगी
सांझ ढले तड़के सुबह भी होगी

सांझ ढले रात आयेगी
अपने साथ कठिनाइयां भी लाएगी
बस तुम हार मत जाना इस रात से
क्युकी रात के बाद तड़के सुबह भी आएगी

अब तो शाम ढल रही है
तुम रात भी बिता लेना
सुबह की आस में हर मुस्किल
हर रात गवा लेना



© y1shubham