...

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भूल जाना ही बेहतर है।
कहनी थी बहुत सी बाते
पर दिल ने इनकार किया..
दर्द बहुत छुपा है दिल में
पर आज जुबां का, खुल जाना ही बेहतर है।।

तेरी मोहब्बत, तेरी हर याद को
साथ में की थी रब से, हर उस फरियाद को
तुझसे हुई हर एक मुलाकात को
हाथों में हाथ लेकर कही थी उस बात को
भूल जाना ही बेहतर है..

छोड़कर तेरी गलियों को
अनजान भीड़ में, घुल जाना ही बेहतर है..
दिल में जो तेरा प्यार था,
तुमसे जुड़े हर जज़्बात को
भूल जाना ही बेहतर है..
भूल जाना ही बेहतर है।।
© Abhi