आदमी मजबूर है
आदमी मजबूर है,
इसमें मेरा क्या कसूर है?
वो आज जो भी है
अपने ही हाथों से है।
बुरे कर्म करने वाले को
बुरा ही मिलता है।
अच्छे कर्म करने वाले को
अच्छा ही मिलता है।
इसलिए अपने कर्म सुधारो।
© writer
इसमें मेरा क्या कसूर है?
वो आज जो भी है
अपने ही हाथों से है।
बुरे कर्म करने वाले को
बुरा ही मिलता है।
अच्छे कर्म करने वाले को
अच्छा ही मिलता है।
इसलिए अपने कर्म सुधारो।
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