नई उम्मीदों का आसामान
नई उम्मीदों का आसामान
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तू उठकर चल तु उठकर चल
नये पंख नई डोर लगा कर चल।
जो जाने वाले थे वे तो चले गए
जो अभि हैं उन्हें तुझे आज बचाना हैं।
नई उम्मीदों का आसमान तुझे छूना हैं।
सूरज की हर किरण रोशनी देकर जाती हैं।
हर सुबह जिंदगी के नए हौसलें बढ़ाती हैं।
कल जो गुजरा आज उसे तु याद ना कर
आज के तेरे चहरे की "हँसी" बर्बाद ना कर।
कोरोना बिमारी ने हमे सब सीखा दिया।
इंन्सानियत के आगे सबको झुका दीया।
धन,दौलत,पैसों की कोई...
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तू उठकर चल तु उठकर चल
नये पंख नई डोर लगा कर चल।
जो जाने वाले थे वे तो चले गए
जो अभि हैं उन्हें तुझे आज बचाना हैं।
नई उम्मीदों का आसमान तुझे छूना हैं।
सूरज की हर किरण रोशनी देकर जाती हैं।
हर सुबह जिंदगी के नए हौसलें बढ़ाती हैं।
कल जो गुजरा आज उसे तु याद ना कर
आज के तेरे चहरे की "हँसी" बर्बाद ना कर।
कोरोना बिमारी ने हमे सब सीखा दिया।
इंन्सानियत के आगे सबको झुका दीया।
धन,दौलत,पैसों की कोई...