जाना है.......बहुत दूर...... ♾️
जाना बहुत आगे है मन मांझी
ना छूट पाए नौका से कलाई
सोचू कभी छिपना तो छुपा लेना
इसी में निहित पलकों की भलाई
खोना-पाना शब्द वफ़ा के नहीं
ये अपने आप में नायाब कमाई
भर लेना बॉंहों में किसी बहाने
मॉंगे जो रांझा हीर से गवाही
नज़ाकत नज़ाकत होती है जान
तू कायनात तुझमें ज़िंदा इलाही
फटा है लिबास बदन के गगन में
तू हम-कदम तो फटेहाल मैं शाही।
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ना छूट पाए नौका से कलाई
सोचू कभी छिपना तो छुपा लेना
इसी में निहित पलकों की भलाई
खोना-पाना शब्द वफ़ा के नहीं
ये अपने आप में नायाब कमाई
भर लेना बॉंहों में किसी बहाने
मॉंगे जो रांझा हीर से गवाही
नज़ाकत नज़ाकत होती है जान
तू कायनात तुझमें ज़िंदा इलाही
फटा है लिबास बदन के गगन में
तू हम-कदम तो फटेहाल मैं शाही।
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