सिमटे की ब्रम्हाण्ड हो गये
तुझे हाथों मे भरकर
दिल की लकीरों तक लाता हूँ
तुम फिर बिखर जाते...
दिल की लकीरों तक लाता हूँ
तुम फिर बिखर जाते...