मोह के धागे
हां हम अब रोते नहीं पहले की तरह
हां हम अब अकेले नहीं रहते पहले की तरह
हां हम अब सब से मिलते हैं
हां हम अब फिर से हंसते हैं
मगर यह हम ही जानते हैं
कि अंदर ही अंदर कितना रोते हैं
तुम बताओ तुम्हारा क्या हाल है
क्या तुम्हारे दिल को मिली राहत है ...
हां हम अब अकेले नहीं रहते पहले की तरह
हां हम अब सब से मिलते हैं
हां हम अब फिर से हंसते हैं
मगर यह हम ही जानते हैं
कि अंदर ही अंदर कितना रोते हैं
तुम बताओ तुम्हारा क्या हाल है
क्या तुम्हारे दिल को मिली राहत है ...