...

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ईश्वर भी कर रहा श्रद्धांजलि
देख कर आज की बारिशें मानो ऐसा लगता है,
ईश्वर भी दुःख मना रहा है एक सितारा खोने का,
ईश्वर भी पश्चता रहा है मानों ऐसा लगता है,
हुयी भूल कैसे मुझसे यही ईश्वर कहता है,
फिर से कोई करे ना ऐसा यही ईश्वर कहता है,
उस जगत में जाकर भी तुम बनना ऐसा एक सितारा,
करना वहाँ भी काम ऐसा कि याद करें सब काम तुम्हारा,
ईश्वर भी पश्चता रहा है क्यों बनाया मैंने ऐसा कलाकार,
किया उसने ऐसा अभिनय मुझे ही धोखा दे गया वो,
मेरी बनायी प्यारी चीज छीनकर मुझसे ले गया वो,
मैं तो उसके अन्दर ही था पर किया उसने ऐसा अभिनय,
मैं भी कुछ समझ न पाया इसीलिए पश्चता रहा हूँ,
क्या समझती बाकी दुनिया मेरी ही रचना मैं समझ न पाया,
कैसे हो जाता है मुझसे कभी-कभी चमत्कार,
कैसे मैं कर देता हूँ कभी-कभी बेहतर आविष्कार।
@SUNAI2735#SAD STORY#