सवाल
ये हवा आज क्यूँ सांय- सांय कर रही है,
वो क्यूँ हमसे आंखें दायें - बायें कर रही है।
ये कौन सी बातें हैं जो हमें बताया नहीं जा रहा,
ये हमपे कौन सी नयी बलायें कर रही है।।
मसला ये नहीं कि हमें ये जख्म दिया है उसने,
ताज्जुब ये है कि वो खुद ही दवायें कर रही है।
और ऐसे भी कैसे मर जाये उनके चाहने भर से ऐ 'दीप',
मेरी माँ रोज मेरे लिये दुआएं कर रही है।।
#dying4her
©AK47
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वो क्यूँ हमसे आंखें दायें - बायें कर रही है।
ये कौन सी बातें हैं जो हमें बताया नहीं जा रहा,
ये हमपे कौन सी नयी बलायें कर रही है।।
मसला ये नहीं कि हमें ये जख्म दिया है उसने,
ताज्जुब ये है कि वो खुद ही दवायें कर रही है।
और ऐसे भी कैसे मर जाये उनके चाहने भर से ऐ 'दीप',
मेरी माँ रोज मेरे लिये दुआएं कर रही है।।
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