...

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प्रेम




कौन हो तुम बस गए बिन पूछे ह्रदय में
ले आए कहाँ मुझको प्रेम के विलय में

जाने कब हो पूरी प्रतीक्षा मेरी
जाने कब हों दर्शन उसके

कभी रूठने कभी मनाने में
टूट ना जाए प्रीत की डोरी
अनुनय विनय में..!!!