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मैं
#YearEndEc तेरे जज़्बात को मैं कह ना सकूं मगर
दिल की पनाहों में मिलों तुम शायद
लबों पे खामोशी क्यों तुम मेहरबां नहीं
महकी हुई थी दिल में अहसास क्यूं इंतज़ार
चेहरे से इशारा तो दो ,खुद ही सवाल करके
देख लो आंखों में मुझे ,,तुम कोशिशे
करीब कर लो, मुस्करातें पल लौटे तो।hoes
दिल की पनाहों में मिलों तुम शायद
लबों पे खामोशी क्यों तुम मेहरबां नहीं
महकी हुई थी दिल में अहसास क्यूं इंतज़ार
चेहरे से इशारा तो दो ,खुद ही सवाल करके
देख लो आंखों में मुझे ,,तुम कोशिशे
करीब कर लो, मुस्करातें पल लौटे तो।hoes
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