...

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मेरा हिम्मत ही सहारा
मेरा हिम्मत ही सहारा होता है
सारे रास्ते कांटो से घिरे है,
लक्ष्य अत्यंत दूर मालूम होता है,
मेरा हिम्मत ही सहारा होता है।
जब मैं अकेले हो जाती हूं
तब खुद ही गरल पीना पड़ता
है
अपने को ही जगाना पड़ता है
मेरा हिम्मत ही सहारा होता है
मेरे ऊपर कितना मुसीबत आईं
विघ्नों को झेलकर बढ़ते गई,
त्याग का फल मीठा होता है,
मेरा हिम्मत ही सहारा होता है।
प्रकृति का न्याय न भूलती हूं,
बहते आसुओं को चुपके से
पी लेती हूं,
फिर सुबह का आना होता है
मेरा हिम्मत ही सहारा होता है
भय - विस्मय का अब अंत करती हूं,
हौसला अपनी बुलंद करती हूं,
अंधेरा में दीपक जलाना पड़ता है,
मेरा हिम्मत ही सहारा होता है।
दुःखो का पहाड़ टूटने पर
कभी न नर्म पड़ती हूं,
अपने पथ पर चलती रहती हूं,
आज के बाद कल का आना
होता है
मेरा हिम्मत ही सहारा होता है

नाम कविता शर्मा
पानागढ़ (पश्चिम बंगाल)