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इब्सार...
ख़ामोश कर खुद को
बुरी तरह से टूटा बांध मेरे सबर का ।।।
कोई जवाब नहीं था मेरे पास
किसी की अगर मगर का ।।।
छूटती जा रही है डोर सांसो की
अब इंतजार है आख़री उस खबर का ।।।
दफ़ना कर भूल जाएंगे सब मुझे !!!
हर रोज इब्सार करेगी
मेरी रूह मेरी कबर का।।।।
© PM
बुरी तरह से टूटा बांध मेरे सबर का ।।।
कोई जवाब नहीं था मेरे पास
किसी की अगर मगर का ।।।
छूटती जा रही है डोर सांसो की
अब इंतजार है आख़री उस खबर का ।।।
दफ़ना कर भूल जाएंगे सब मुझे !!!
हर रोज इब्सार करेगी
मेरी रूह मेरी कबर का।।।।
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