...

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"खामोशी"
सब मुस्करा रहे हैं,तू क्यो परेशान हैं।
तेरे इंतजार में, गुजरती मेरी शाम हैं।

डर लगने लगा ,कि कहीं तू खो न जाये।
मैं तो जागु रातो को, कहीं तू सो न जाये।

तेरी खामोशी भी , बाते करने लगी हैं ।
मेरे दिल में धडकन, तेरी चलने लगी हैं।