...

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तू इक छलिया है।
खामोशियों ने फिर से दौर तोड़ा है,
बड़ी मुद्दत के बाद उसने कुछ तो बोला है,
हुई क्या ये इनायत हम पर,
के उसने अपने लबों को खोला है,
'राम' हम तो कायल हैं बरसों से तेरे,
पर आज तुमने फिर से मेरा दिल चोरा है,
ये दुनिया तुझे रब कहे,
मैं जानुं के तू इक छलिया है।