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सपना _____
RAAJ PREEET

सपनो मे था देखा सपना
हमारा भी था कोई अपना
बन्धन तो थे जन्म जन्म के
बिछड़ गये है हम कब ना
उसके सिवा हमने किसी को
माना था कभी भी रब ना
रब रहा फिर हमारा अब ना
PREEET बातें कहता है अजब ना
जिन्दगी ने सिखाया हमको चलना
बिछड़ने मे हमे लगा पल ना
आज है PREEET सबका अजीज
शायद मौका मिले किसी को कल ना
माँ ने समझाया था हमको एक दिन
काम आना PREEET सबके प्रत्येक दिन
लिखना अच्छी बातें तुम
लिखना सच्ची कहानी फिर तुम
बड़े बुजुर्गों का है कहना PREEET
दुनिया का समझना बेईमानी फिर तुम
बन्द अलमारी मे किस्से बन्द है
हर किसी को कहाँ PREEET पसन्द है
पसन्द हमारी बस लोग चन्द है
हर कोई चतुर हर कोई अक्ल मंद है
यही है PREEET जिन्दगी का सफर
दिल मे मेरे हो सभी का घर
कौन अपना है कोन है सपना
नाम है बस उसी का जपना
शायरी PREEET मशहूर बहुत है
शायरी के लिए कभी किया तप ना
✍✍

© आवारा पागल दीवाना