जिंदगी
जिंदगी.......
सब्र और इम्तिहान दोनों मिल गये ,
दिल अपना किस्सा सुनाता रह गया ,,
पहचान खो रहा था घर का आईना ,
मैं अपनी आंखों से बग़ावत करता रह गया ,,
राकेश शर्मा
© All Rights Reserved
सब्र और इम्तिहान दोनों मिल गये ,
दिल अपना किस्सा सुनाता रह गया ,,
पहचान खो रहा था घर का आईना ,
मैं अपनी आंखों से बग़ावत करता रह गया ,,
राकेश शर्मा
© All Rights Reserved
Related Stories