...

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"ख़ुदी"
तख्त- ए- आसीन आदमी,
आपनी औकात भुल जाता है।
जिसके बलबूते पर वह आसीन है,
उन्हें ही वह घुटनों पर बिटाता है।
जब कभी ये नौबत तुम पर आये,
चुप रहना सबसे बड़ा गुनाह कहलाता है।
कसो तंज उसपर,
जब भी मौका मिले।
वरना ,
घमंड़ उसका आने वाली पीढ़ी के लिऐ,
नासूर बन जाता है।

© शिवाजी