itwar ki subha...
इक सुबहां,
फिर खुद से बात की,
मज़ा आया जानकर,
शख्शियत अपनी भी खास थी,
हटा कर तन्हाई रात की,
उजाला होते ही लोट आये साये से बात की,
क्या...
फिर खुद से बात की,
मज़ा आया जानकर,
शख्शियत अपनी भी खास थी,
हटा कर तन्हाई रात की,
उजाला होते ही लोट आये साये से बात की,
क्या...