मध्यम वर्गी लोग
तनख्वाह आने से पहले ही
उसका हिसाब कर लेते हैं
बाकी जो बच कर घर आये
बचत के गुल्लक में डाल देते हैं
महीन के गिन्ती में अव्वल है
1 और 30 का फर्क पहचानते हैं
हम मध्यम वर्गी लोग है
किस्तो में जिंदगी जीना जानते हैं
हम वही बच्चे हैं जो,
दुकान में पड़ी बरनियों को
बड़ी ईप्सा से निहारते हैं
इनके मां बाप को फिक्र नहीं
कि ना जाने बेटा कुछ मांग ले...
उसका हिसाब कर लेते हैं
बाकी जो बच कर घर आये
बचत के गुल्लक में डाल देते हैं
महीन के गिन्ती में अव्वल है
1 और 30 का फर्क पहचानते हैं
हम मध्यम वर्गी लोग है
किस्तो में जिंदगी जीना जानते हैं
हम वही बच्चे हैं जो,
दुकान में पड़ी बरनियों को
बड़ी ईप्सा से निहारते हैं
इनके मां बाप को फिक्र नहीं
कि ना जाने बेटा कुछ मांग ले...