स्वतंत्रता का मोल
"यही स्वतंत्रता का मोल है"
मोल लगाऊँ क्या माँ तेरा,
तू सबसे अनमोल है।
सच्चे भारतवासी के लिए,
यही स्वतंत्रता का मोल है।
लाखों वीरों के लहू से सिंचित,
भारत माँ अनमोल है।
क्या बताऊँ तुमको साथी,
यही स्वतंत्रता का मोल है।
युगों-युगों से भारत माँ का,
स्वर्णिम इतिहास-भूगोल है।
मोल लगाऊँ क्या माँ तेरा,
तू सबसे अनमोल है।
सच्चे भारतवासी के लिए,
यही स्वतंत्रता का मोल है।
©शैलेन्द्र राजपूत
15.08.2020
मोल लगाऊँ क्या माँ तेरा,
तू सबसे अनमोल है।
सच्चे भारतवासी के लिए,
यही स्वतंत्रता का मोल है।
लाखों वीरों के लहू से सिंचित,
भारत माँ अनमोल है।
क्या बताऊँ तुमको साथी,
यही स्वतंत्रता का मोल है।
युगों-युगों से भारत माँ का,
स्वर्णिम इतिहास-भूगोल है।
मोल लगाऊँ क्या माँ तेरा,
तू सबसे अनमोल है।
सच्चे भारतवासी के लिए,
यही स्वतंत्रता का मोल है।
©शैलेन्द्र राजपूत
15.08.2020