ऐतबार मत करना
गीली आंखों का ऐतबार मत करना।
रहम खा कर कभी प्यार मत करना।
ढुलक आए पलकों से मोती की तरह,
वजन समझकर ,इज़हार मत करना।
जिस्म देखकर यूं ही तो लोग छलते हैं,
जमीर जो कहे उसे इंकार मत करना।
फरेब खुल गया तो दिल भी टूट जाएगा,
खुदगर्ज होकर कोई करार मत...
रहम खा कर कभी प्यार मत करना।
ढुलक आए पलकों से मोती की तरह,
वजन समझकर ,इज़हार मत करना।
जिस्म देखकर यूं ही तो लोग छलते हैं,
जमीर जो कहे उसे इंकार मत करना।
फरेब खुल गया तो दिल भी टूट जाएगा,
खुदगर्ज होकर कोई करार मत...