...

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माँ के बिना सुना है जहाँ (माँ का प्यार)
जब हम बच्चे थे,
तो वो मेरे पास थीं!
पर यह एहसास न था हमें कि,
वो मेरे लिए सबसे खास थी!
ये वक्त भी कितना अजीब है,
ये कैसा मेरा नसीब है!
आज हम बड़े हुए तो,
वो मेरे पास नहीं!
पर आज मुझे एहसास है कि,
वही मेरी अलफ़ाज़ थी!
मेरे हर धड़कन में ये लिखा है,
कि वो मेरे कितने पास थी!
विधाता तेरी ये कैसी रीत है,
उन संग ही मेरा प्रीत है!
ये वक्त भी कितना अजीब है,
ये कैसा...