"हक़ की आवाज़"
हक़ की आवाज़ उठाने वालों को,
गुनाहगार समझा जाता है..!
विरोधाभाष का जरिया,
अहम् का अख़बार समझा जाता है..!
प्रसार हो न पाए जीवन का,
ज़ालिम ज़माने में धिक्कार समझा जाता है..!
हक़ की आवाज...
गुनाहगार समझा जाता है..!
विरोधाभाष का जरिया,
अहम् का अख़बार समझा जाता है..!
प्रसार हो न पाए जीवन का,
ज़ालिम ज़माने में धिक्कार समझा जाता है..!
हक़ की आवाज...