मै खुद की भी खुद ना रही।।
रिश्तों को बनाने में कुछ ऐसी उलझी ,
मुझे मेरी ही सुध ना रही।।
में हूं कौन मेरा वजूद क्या है,मै खुद की भी खुद ना रही ।।
ईर्ष्या द्वेष सब सहना पड़ा है,फिर भी किसी से कुछ ना...
मुझे मेरी ही सुध ना रही।।
में हूं कौन मेरा वजूद क्या है,मै खुद की भी खुद ना रही ।।
ईर्ष्या द्वेष सब सहना पड़ा है,फिर भी किसी से कुछ ना...