पैसा और जीवन
मुझको ऐसा लगता है कि
छिन्न गया है मेरा सब,
एक ही चक्कर के जीवन से
खिन्न गया है मन मेरा अब।
उठो! जागो! पैसे को भागो,
जीवन अपना पैसे मे डालो,
पैसों से ही अब रिश्ता बांधो, ...
छिन्न गया है मेरा सब,
एक ही चक्कर के जीवन से
खिन्न गया है मन मेरा अब।
उठो! जागो! पैसे को भागो,
जीवन अपना पैसे मे डालो,
पैसों से ही अब रिश्ता बांधो, ...