वक़्त
एक वक़्त था..
जब वो खूबसूरत वक़्त था..
एक एक लम्हा उसके ही इर्द गिर्द था..
एक वक़्त था..
अब एक एक लम्हा ख़ामोशी की तह में गुजर रहा है..
न शिकायत है..
न कुछ कहना है..
न सफाई ही देनी है..
बस खामोशी ही खामोशी है..
एक वक़्त के बाद कुछ कहने सुनने को नहीं रहा है..
पहले एक एक लम्हे को update किया...
जब वो खूबसूरत वक़्त था..
एक एक लम्हा उसके ही इर्द गिर्द था..
एक वक़्त था..
अब एक एक लम्हा ख़ामोशी की तह में गुजर रहा है..
न शिकायत है..
न कुछ कहना है..
न सफाई ही देनी है..
बस खामोशी ही खामोशी है..
एक वक़्त के बाद कुछ कहने सुनने को नहीं रहा है..
पहले एक एक लम्हे को update किया...