प्रकृति से प्यार
##अनमोलप्रियवस्तु
प्रकृति मेरी अनमोल वस्तु है
मुझे प्रकृति से बहुत प्रेम है
लोग मुझे नेचर लवर के नाम से
जानते हैं,
प्रकृति से जो सुकून मिलता है
कहीं नहीं मिलता
मेरे घर में भी एक खूबसूरत बगिया है
उसके बिना मेरा जीवन अधूरा है
घर में ही अपने रंग बिरंगे फूल उगती हूं
सुबह शाम में उन्हें निहारती हूं
बिन बोले भी बहुत कुछ कह जाते हैं
मैं मंद मंद मुस्कुराती हूं
बातें इनकी समझ जाती हूं।
प्रकृति मेरी अनमोल वस्तु है
मुझे प्रकृति से बहुत प्रेम है
लोग मुझे नेचर लवर के नाम से
जानते हैं,
प्रकृति से जो सुकून मिलता है
कहीं नहीं मिलता
मेरे घर में भी एक खूबसूरत बगिया है
उसके बिना मेरा जीवन अधूरा है
घर में ही अपने रंग बिरंगे फूल उगती हूं
सुबह शाम में उन्हें निहारती हूं
बिन बोले भी बहुत कुछ कह जाते हैं
मैं मंद मंद मुस्कुराती हूं
बातें इनकी समझ जाती हूं।
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