...

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पढ़ावे.....
वो किताब ही क्या,
जो ज्ञान ना दे पाए....
वह मंज़िल ही क्या,
जो काटे ना बिछा पाए...
कोई मनुष्य ही क्या,
जो प्रयत्न ना कर पाए....
दो हात ही क्या,
जो कभी सहारा ना बन पाए.....
यह दुनिया ही क्या,
जो खुद को ही ना पेहचान पाए.....
वह रस्ता ही क्या,
जो मंजिल ना बता पाए....
वो सोच ही क्या,
जो प्रेरणा ना दे पाए....
जिंदगी जीने का मजा ही क्या,
जहा गम के पल ना आए.....
@W.Girija