माँ
मैंने सबको तो नहीं लेकिन माँ को देखा है
हर काम में उलझी एक औरत को देखा है
हर पल मुस्कुराती एक औरत को देखा है
मैंने सबको तो नहीं लेकिन माँ को देखा है
घर का सारा सुकून मैंने माँ में देखा है
हर परेशानी का हल मैंने माँ में देखा है
लोग क्या है और कैसे होते है मुझें नहीं पता...
हर काम में उलझी एक औरत को देखा है
हर पल मुस्कुराती एक औरत को देखा है
मैंने सबको तो नहीं लेकिन माँ को देखा है
घर का सारा सुकून मैंने माँ में देखा है
हर परेशानी का हल मैंने माँ में देखा है
लोग क्या है और कैसे होते है मुझें नहीं पता...