लम्हे
आज याद आ रहें हैं,
लम्हे बडे़ पुराने |
तन्हाईयों में जीकर,
हमने समय गुजारे |
रातें वही अंधेरी,
लहरों में भी हलचल,
सागर...
लम्हे बडे़ पुराने |
तन्हाईयों में जीकर,
हमने समय गुजारे |
रातें वही अंधेरी,
लहरों में भी हलचल,
सागर...