...

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एहसास
जब वो दोनों मिलेंगे, तो कोई नहीं
सिर्फ और सिर्फ वो दोनों ही रहेंगे।
वो दुनिया नहीं, बल्कि संसार है,
जहां किसी और बचा नहीं है।

प्यार है क्या? किसी ने पूछा!
"नहीं। उससे भी बढ़कर" बोला
रिश्ता नाम से शुरू नहीं होते,
एहसास ही नाम जोड़ते है।

अगर नाम देना ही रिश्ता है,
तो राधा कृष्ण केलिए कौन थी?
उस रिश्ता की वजूद ही क्या है?
वो दुनिया केलिए एहसास है।

नाम जरूरी नहीं होते है तब,
वहां रिश्ता भी नहीं होते है।
प्यार, दर्द, टक्कर, मुस्कान जैसा
एहसास से अमर होते है।।
© avn