बर्दी वाले लोग
में खिलाफ़त करुँ, तो केसे
सब मेरे अपने ही है, कोई मेरे खिलाफ़ नहीँ
में इश्क़ जताउं तो किस से,
कोई इंसान नहिं, और कहिं असान नहीँ
मशहूर हुं में, ताज़-ए-वफ़ा से,
जमाना बेवफ़ा है, उनका कोई कसूर नहीँ
उनकी सोच ही फरेब है, कसम से
जीते है हमारी नाम से लोग, कहते है हम शरीफ़ नहीँ
© wingedwriter
सब मेरे अपने ही है, कोई मेरे खिलाफ़ नहीँ
में इश्क़ जताउं तो किस से,
कोई इंसान नहिं, और कहिं असान नहीँ
मशहूर हुं में, ताज़-ए-वफ़ा से,
जमाना बेवफ़ा है, उनका कोई कसूर नहीँ
उनकी सोच ही फरेब है, कसम से
जीते है हमारी नाम से लोग, कहते है हम शरीफ़ नहीँ
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