पुकारते है तुम्हें
1212 / 1122 /1212 / 22
पुकारते है तुम्हें कालरात्रि आओ
अँधेरा है ये डगर छोड़ के नहीं जाओ
गले में शोभती माला तुम्हारे मैया है
चमक बिखेरती है ये पहन के घर आओ
न दीप कोई यहाँ जलता है हवाओं में ...
पुकारते है तुम्हें कालरात्रि आओ
अँधेरा है ये डगर छोड़ के नहीं जाओ
गले में शोभती माला तुम्हारे मैया है
चमक बिखेरती है ये पहन के घर आओ
न दीप कोई यहाँ जलता है हवाओं में ...