...

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ज़ख्म बरसा है तुम वफ़ा कर दो न
ज़ख्म बरसा है तुम वफ़ा कर दो न
दिल लगा कर थोड़ी खता कर दो न

इज़हार रहने दो तुम इश्क़ का
नज़रे झुका कर रज़ा कर दो न

तुम्हे देखना है करीब से मुझको
जो शर्म आये तो पर्दा कर दो न

मरीज़ हूँ इश्क़ का खबर है मुझे
तुम इश्क़ करके दवा कर दो न

गुमान है मुझको मोहब्बत पर तेरी
गुमान तोड़ दो मुझसे दगा कर दो न
© Roshan Rajveer