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she and her soul
जिंदगी के फलसफे में,
इक अंजान कश्ती मिल गई,
सहारा तो क्या मिला,
मजधार में डूब गई,
सोचा तब मंजिल को पाने का,
कोशिशें हजार हो गई,
किस्मत में था क्या,
इससे अंजान हो गई,
आखिरकार, मेहनत से सींचे और महोब्बत से रचे सपने की वो सरोकार हो गई।
#soulwriterabby #WritcoPoemChallengeed #writerforlife #writcopoemchallegene #poemattempt
© Anshu Aabha € soulwriter
इक अंजान कश्ती मिल गई,
सहारा तो क्या मिला,
मजधार में डूब गई,
सोचा तब मंजिल को पाने का,
कोशिशें हजार हो गई,
किस्मत में था क्या,
इससे अंजान हो गई,
आखिरकार, मेहनत से सींचे और महोब्बत से रचे सपने की वो सरोकार हो गई।
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© Anshu Aabha € soulwriter
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