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जिंदगी के दरवाजे़ पर आपकी दोस्ती की दस्तक हुई
जैसे जन्नत के नूर सी बरकत हुई
तुम्हारे हाथों से छूकर जो बनते हैं जज़्बात
उसकी मधूशाला से थोड़ी पीकर आते हैं
फिर ना जाने तुमसे दिल की बात हो
फिर ना जाने तुमसे हमारे कल की बात हो
तुम्हारे गले से लगकर मिलता है जो आराम
उसी सुकून को हिम्मत बनाकर जिंदगी की हर जंग जीतकर आते हैं
तुम्हारी मुस्कुराहट से रिश्तों की नई पहचान हुई
तुम्हारी छुअन मेरी खुशियों की दुकान हुई
© summit_aroraa
जैसे जन्नत के नूर सी बरकत हुई
तुम्हारे हाथों से छूकर जो बनते हैं जज़्बात
उसकी मधूशाला से थोड़ी पीकर आते हैं
फिर ना जाने तुमसे दिल की बात हो
फिर ना जाने तुमसे हमारे कल की बात हो
तुम्हारे गले से लगकर मिलता है जो आराम
उसी सुकून को हिम्मत बनाकर जिंदगी की हर जंग जीतकर आते हैं
तुम्हारी मुस्कुराहट से रिश्तों की नई पहचान हुई
तुम्हारी छुअन मेरी खुशियों की दुकान हुई
© summit_aroraa
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