मुस्कराहट
© mast.fakir chal यूं हीं कोई मलाल रहे
ऐसी हसरतें ना पालिये
कुछ शौक हों जिनसे
ये जिंदगी मस्ती में गुजारिये
बेवजह सीने में दर्द रहे
दिलएनादान ना इतना उछालिये
आंखों से बहते रहे आंसू
यूं दिल को ना मारिये
जिंदादिली से जिंदगी जियें
दूसरों की भी किस्मत संवारिये
जीवन की शाम तन्हाइयों में
संगदिल बनके मत गुजारिये
बच्चों के साथ बचपन जिंदा रहे
खुशियों को देकर खुशी पाइये
कुछ पेड़ पौधो से यारी किजिए
उनके संग हंसिये फूलों संग मुस्कराइये
यूं जीवन में रंग देखिए
कुछ लिखिए और साथ गुनगुनाइये