आहट
ये किसकी आहट है जो देती है सुनाई मुझको
एक साया अनजाना सा बुलाता है रोज़ मुझको
है हर शय में एक वही पर दूर बहुत दूर मुझसे
जो दिल और जेहन...
एक साया अनजाना सा बुलाता है रोज़ मुझको
है हर शय में एक वही पर दूर बहुत दूर मुझसे
जो दिल और जेहन...