इंसानियत 👥👣
आखों में पानी पर चेहरे पर मुस्कान थी ,
एक बच्ची बचपन के खिलौने बेचती , खुद बचपन से अंजान थी
वो आखों में आश थी , एक रोटी के लिए ।
उस ठिठुरती ठंड में उसको एक कम्बल की चाह थी
जब मदद को उसको कोई...
एक बच्ची बचपन के खिलौने बेचती , खुद बचपन से अंजान थी
वो आखों में आश थी , एक रोटी के लिए ।
उस ठिठुरती ठंड में उसको एक कम्बल की चाह थी
जब मदद को उसको कोई...