"खुद को बचाइए"
"खुद को बचाइए"
जनता जनार्दन का नाम लेकर जाइए।
संसद से सड़क तक खुद को बचाइए।।
संसद में संविधान की सौंगन्ध सब खाइए।
अपने विचारों को बलि बेदी पर चढ़ाइए।।
मौका मिले सन्तरी से मन्त्री बन जाइए।
अपने स्वारथ के ख़ातिर देश को लुटाइए।।
सत्ता के जो दास हों फिर महलों में सो जाइए।
पाँच वर्ष तक जनता से ये चेहरा भी छिपाइए।।
राजनीति में रहना हो तो जनता को लड़ाइए।।
जिसने सच बोला मिलकर सब उसको सताइए।
कमीशन की रस मलाई घोटालों संग खाइए।
हो गयी सज़ा कभी उसे कानून से पचाइए।।
जनता जनार्दन का नाम लेकर जाइए।
संसद से सड़क तक खुद को बचाइए।।
भूपेन्द्र डोंगरियाल
18/09/2020
© भूपेन्द्र डोंगरियाल
जनता जनार्दन का नाम लेकर जाइए।
संसद से सड़क तक खुद को बचाइए।।
संसद में संविधान की सौंगन्ध सब खाइए।
अपने विचारों को बलि बेदी पर चढ़ाइए।।
मौका मिले सन्तरी से मन्त्री बन जाइए।
अपने स्वारथ के ख़ातिर देश को लुटाइए।।
सत्ता के जो दास हों फिर महलों में सो जाइए।
पाँच वर्ष तक जनता से ये चेहरा भी छिपाइए।।
राजनीति में रहना हो तो जनता को लड़ाइए।।
जिसने सच बोला मिलकर सब उसको सताइए।
कमीशन की रस मलाई घोटालों संग खाइए।
हो गयी सज़ा कभी उसे कानून से पचाइए।।
जनता जनार्दन का नाम लेकर जाइए।
संसद से सड़क तक खुद को बचाइए।।
भूपेन्द्र डोंगरियाल
18/09/2020
© भूपेन्द्र डोंगरियाल