पहचान
#पहचान
बनेगा जो सास्वत वही आधार होगा,
पहचान तेरा नाम अपितु काम होगा;
आख़िरी सांस लेने से पहले,
जलाले अपनी जिद की मशाल को
निराशा के तम का चीर दे सीना
अमिट छाप छोड़ अपने कर्मों की ।
जहां में जीते तो हैं सभी अपने लिए
तुम जहां के लिए जीकर दिखा दे ।
एक नया सपना दिखा दे
लिख दे वक्त के ललाट पे
समर्पित कर दे खुद को समाज को ।
बनेगा जो सास्वत वही आधार होगा,
पहचान तेरा नाम अपितु काम होगा;
आख़िरी सांस लेने से पहले,
जलाले अपनी जिद की मशाल को
निराशा के तम का चीर दे सीना
अमिट छाप छोड़ अपने कर्मों की ।
जहां में जीते तो हैं सभी अपने लिए
तुम जहां के लिए जीकर दिखा दे ।
एक नया सपना दिखा दे
लिख दे वक्त के ललाट पे
समर्पित कर दे खुद को समाज को ।