#जाने-दो..!
जाने दो जो चला गया,
#मृगछालों से जो ठगा गया।
बेवक्त जो #वक्ता बना गया,
अपनी किसी चाल से छल गया
जानने न दिया उसे भी मैंने
करने दिया मन की उसे फिर मैंने
#बेवक़्त का वक़्ता...
#मृगछालों से जो ठगा गया।
बेवक्त जो #वक्ता बना गया,
अपनी किसी चाल से छल गया
जानने न दिया उसे भी मैंने
करने दिया मन की उसे फिर मैंने
#बेवक़्त का वक़्ता...