लगता हैं
हक़ीक़त में रहना ही अच्छा हैं,ख्यालों में गुम होने से डर लगता हैं,
मोहल्लेदारी हैं पर कोई पूछता नहीं,दूर कहीं जंगल में बसा अपना घर लगता हैं,
हाथों ने मेरे कलम क्या उठाई,उसे मोहब्बत भी शायरी का किस्सा भर लगता हैं,
बट जाते हैं लोग धर्मों में ईद दिवाली आते आते,राजनीति की...
मोहल्लेदारी हैं पर कोई पूछता नहीं,दूर कहीं जंगल में बसा अपना घर लगता हैं,
हाथों ने मेरे कलम क्या उठाई,उसे मोहब्बत भी शायरी का किस्सा भर लगता हैं,
बट जाते हैं लोग धर्मों में ईद दिवाली आते आते,राजनीति की...