...

4 views

Men's Irony
ज़िद पे अड़ जाऊ..
या फना हो जाऊ।
कहो जिस माटी से उठा ,
उस माटी में मिल जाऊ..,
उठते बवंडर से टकराऊ..
भड़के शोलो से भीड़ जाऊ!
और बताओ, मैं क्या कर जाऊ?

ये मझधारे, ये किनारे..
ये अंगारे.. बखूबी जाने,
की हारा नही हु मैं..;
एक बाण चलाऊ..
तो सारा जग हर लाऊ..!
और बताओ मैं क्या कर जाऊ..!

वो जरा अंतर्मन कह गया
मां का आंचल सबसे उम्दा ..
मैं उस ही में जन्म लू ,
मैं उस ही में मिल जाऊ।
और बताओ मैं क्या कर जाऊ!!!
© Narendra