हमें पता ही न चला !!
चुराते रहे उनसे नज़रें हम,
वो कब हमारा दिल चुरा लिए,
हमें पता ही न चला !!
निहारते रहे उनके हुस्न को हम,
वो कब हमारी रूह में उतर गए
हमें पता ही न चला !!
खेलते रहे हम उनके बालों से,
वो कब हमारे जज्बातों से खेल गए,
हमें पता ही न चला !!
लिखते रहे चार शब्द तारीफ के उनके लिए,
वो कब हमारी तकदीर लिख गए,
हमें पता ही न चला !!
शुक्रिया !!
© DopaManiac
वो कब हमारा दिल चुरा लिए,
हमें पता ही न चला !!
निहारते रहे उनके हुस्न को हम,
वो कब हमारी रूह में उतर गए
हमें पता ही न चला !!
खेलते रहे हम उनके बालों से,
वो कब हमारे जज्बातों से खेल गए,
हमें पता ही न चला !!
लिखते रहे चार शब्द तारीफ के उनके लिए,
वो कब हमारी तकदीर लिख गए,
हमें पता ही न चला !!
शुक्रिया !!
© DopaManiac