...

15 views

मौत का सफर
एक Din ऐसा सोया की अगले
दिन उठ न पाया
मुझे करके तैयार लोगो ने
फिर अरथि पे लेटाया
दिख रहा था सब मुझे पर कुछ् कर ना पाया
मा रो रही थी जोर जोर से और मैं उसके आंसू पोंछ ना पाया
लेजाने लगे मेरे शरीर को कंधो पे रख के
उपर् वाले की मर्जी के आगे मैं कुछ कर ना पाया
ए कलम क्या करवा रही है
जिन्दा आदमी की मौत की कहानी बनवा रही है
क्यों तुझे अच्छा नहीं लगता मेरे साथ का साया
(Written by Priyanshu)
© मारवाड़ी