जीवन का सागर।
जीवन का सागर रेत भरा भला
हरियाली कहाँ दिख पाएगा,
मरूस्थल सा जीवन में
खुशहाली कहाँ दिख पाएगा,
अश्क - धार जब दो आँखों में
कामयाबी कहाँ दिख पाएगा,
निज हार गए जब अपनो से
स्वाभीमान कहा दिख पाएगा,
बुद्धी मन्दं पड़ी हो अभीमानो में
वो ज्ञानी कहाँ दिख पाएगा।
#writco #life #writcopoem
हरियाली कहाँ दिख पाएगा,
मरूस्थल सा जीवन में
खुशहाली कहाँ दिख पाएगा,
अश्क - धार जब दो आँखों में
कामयाबी कहाँ दिख पाएगा,
निज हार गए जब अपनो से
स्वाभीमान कहा दिख पाएगा,
बुद्धी मन्दं पड़ी हो अभीमानो में
वो ज्ञानी कहाँ दिख पाएगा।
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