...

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मुखौटा

मुखौटा उतारिए अपनों का जो तुम्हारे अपने होकर भी अपने नहीं है
दोस्तों का जो तुम्हारे दोस्त होकर भी दोस्त नहीं है
गुरुओं का जो तुम्हारे गुरु होकर‌ भी गुरु नहीं है
शिष्यों का जो तुम्हारे शिष्य होकर भी शिष्य नहीं है
© nil nil